•विशेष रूप से चिन्हित क्षेत्रों में सभी विभागों से संबंधित निवारक जांच करना।
• रेलवे बोर्ड/सी.वी.सी. द्वारा सीधे प्राप्त या अग्रेषित शिकायतों की जांच।
•सतर्कता संबंधी डी.ए.आर मामलों की निगरानी करना।
•प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर सतर्कता प्रशासन में सुधार करना।
• अधिकारियों की आरएससीआर फाइलों और आई.पी.आर. की जांच।
•आर.आर.बी. और आर.आर.सी. द्वारा आयोजित परीक्षाओं के दौरान औचक निरीक्षण करना
•सतर्कता क्लियरेंस संबंधी मामले।
• संबंधित सी.बी.आई. इकाई के परामर्श से सहमत सूची तैयार करना।
• आवश्यकता पड़ने पर सी.बी.आई. को सहायता प्रदान करना।