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विद्युत विभाग का विज़न अधिक रेलगाड़ियों को चलाने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए द.पू.म.रे. के नागपुर- झारसुगुड़ा सेक्शन को एचडीएन -2 (उच्च घनत्व नेटवर्क) मार्ग के रूप में नामित किया गया है इस अधिक यातायात को पूरा करने के लिए, विद्यमान ओएचई पर बिजली की मौजूदा जरूरतों को बढ़ाने के लिए चंपा-झारसुगुडा के बीच अतिरिक्त फीडर तार उपलब्ध कराये जाएंगे। रेलवे द्वारा अपनी 132 के.वी. ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण रायगढ़ से पनियाजोब के बीच किया जायेगा जिससे कि एनटीपीसी तथा रेलवे के जाइंट वैंचर द्वारा नबीनगर में स्थापित किए जाने वाले थर्मल पावर स्टेशन से पावर लिया जा सके। कोयला इंडस्ट्रीज की आवश्यकता के अनुसार, वैगनों में लोड की सुविधा के लिए और साइलों के नीचे स्वीवेलिंग टाइप ओएचई तहत प्रायोगिक रूप में प्रदान किया जा सकता है। एसईसीआर के अधिकार क्षेत्र में हाई हार्स पावर लोकोमोटिवों के साथ हैवी हौल रेलगाड़ियों का चलाया जाना। ओएचई को उच्च गति के लिए उपयुक्त करना । बिलासपुर नागपुर खंड में प्रथम चरण में 130 किमी प्रति घंटे एवं दूसरे चरण में 160 किमी प्रति घंटे के लिये उपयुक्त करना । उच्च गति/भारी ढुलाई/ उच्च घनत्व मार्ग नेटवर्क की अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए बिलासपुर में नये लोको शेड की कमीशनिंग। ए 1, ए और महत्वपूर्ण स्टेशनों (तीर्थयात्रा) पर लिफ्टों का प्रावधान। ए 1 ए तथा महत्वपूर्ण स्टेशनों पर जहां संभव हो वहां एस्केलेटर का प्रावधान। विशेष रूप से कार्यालय भवनों में विद्युत ऊर्जा के नवीकरण स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा का उपयोग। एक पायलट परियोजना के रूप में जीएम बिल्डिंग बिलासपुर की छत को सौर पैनलों के प्रावधान हेतु इस्तेमाल किया जायेगा और इस प्रकार जीएम बिल्डिंग बिलासपुर को हरी इमारत में परिवर्तित करने के लिए यह पहले कदम के रूप में होगा। जहां तक आर्थिक रूप से उचित है, वहां एलईडी रोशनी द्वारा सीएफएल का प्रतिस्थापन।
Source : CMS Team Last Reviewed on: 23-03-2017
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